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                                                    mob no:-9455066957
MS Word 2003
Menu (मेन्यु) – MS Word में कुल 9 मेन्यु होते हैं जैसे –
1.           File
2.           Edit
3.           View
4.           Insert
5.           Format
6.           Tools
7.           Table
8.           Window
9.           Help
1.-File Menu (फाइल मेन्यु) 
File Menu मेन्यु बार का सबसे पहला मेन्यु होता है जिसमे फाइल से सम्बंधित Option होते है जैसे-
·             New
·             Open
·             Close
·             Save
·             Save as
·             Save as Web Page
·             File Search
·             Permission
·             Page Set Up
·             Print Preview
·             Print
·             Send to
·             Exit
New :इस Option का प्रयोग नये डॉक्यूमेंट को लाने के लिए किया जाता हैं |
Open :- इस Option  का प्रयोग पुरानी फाइलो को या पहले से Save फाइलों को Open (खोलने) के लिए किया जाता हैं |
Close :- इस Option का प्रयोग MS Word विंडो को बंद करने के लिए किया जाता हैं |
Save :- इस Option का प्रयोग Current File को Save (सुरक्षित) करने के लिए किया जाता हैं |
Save as :- इस Option का प्रयोग Save की गयी File को दूसरे नाम से किसी दूसरी ड्राइव में Save करने के लिए किया जाता हैं |
File Search :- इस Option का प्रयोग File को search करने के लिए किया जाता हैं |
Page Set up :- इस Option का प्रयोग पेज को सेट करने के लिए अर्थात Page Size, Margin, Orientation आदि सेट करने के लिए किया जाता हैं |
Print Preview :- इस Option का प्रयोग पेज को प्रिंट होने से पहले देखने के लिए किया जाता हैं| अर्थात पेज का Preview देखने के लिए किया जाता हैं|
Print :- इस Option का प्रयोग तैयार किये गये पेज को प्रिंट करने के लिए किया जाता हैं |
Exit :- इस Option का प्रयोग MS Word से बाहर आने के लिए किया हैं |
2.- Edit Menu (एडिट मेन्यु) 
 यह मेन्यु बार का दूसरा मेन्यु होता हैं जिसमें Editing  से सम्बंधित ऑप्शन होते हैं इसे ओपन करने की शॉर्टकट की Alt+E होती हैं |
·             Undo
·             Redo
·             Cut
·             Copy
·             Paste
·             Paste Special
·             Office clipboard
·             Paste as hyperlink
·             Clear
·             Select all
·             Find
·             Replace
·             Go to
·             Link
·             Object
1.Undo :
- इस आॅप्शन का यूज यूजर द्वारा जो कार्य किये जाते है उसको निरस्त करने के लिए किया जाता है। इसकी shortcut key Ctrl+Z है।
2. Redo:-  
इस आॅप्शन का  use Undo के बाद किया जाता है। इसका मतलब होता है जो अनडू किया है। उसको पुनः वापिस लाया जा सकता है। इसकी shortcut key Ctrl+Y है।
3. Cut:- इससे सिलेक्ट किये गये मैटर को कट किया जाता है। कट करने पर सिलेक्ट मेटर वहाॅ से हट जाता है। यह कट होकर क्लिपबोर्ड में चला जाता है। और paste करके डाक्यूमेंट में चिपकाया जाता है। इसकी Sortcut key Ctrl+X है इसको स्टैडर्ड बार के कट बटन पर क्लिक करके कट किया जा सकता है। इसको राईट क्लिक करके भी कट कर सकते है।
4. Copy:- इससे सिलेक्ट किये गये मैटर को काॅपी किया जाता है। यह काॅपी होकर क्लिपबोर्ड में चला जाता है। और paste करके डाक्यूमेंट में चिपकाया जाता है। इसकी Shortcut key ctrl+C है इसको स्टैडर्ड बार के काॅपी बटन पर क्लिक करक काॅपी किया जा सकता है इसको राईट क्लिक करके भी काॅपी कर सकते है।
5. Paste:- इस आॅप्शन की सहायता से कट या काॅपी किये गये मैटर को पेस्ट किया जाता है। इसकी Shortcut key ctrl+V होती है। स्टैडर्ड टूल बार की सहायता से भी पेस्ट किया जाता है। या राईट क्लिक करके paste किया जाता है।
6. Paste special :- इस आॅप्शन की सहायता से कट या काॅपी किये गये मैटर को स्पेशल पेस्ट किया जाता है। इसमे एक डाॅयलाग बाक्स आता है। जिससे विभिन्न प्रकार से पेस्ट कर सकते है। यह एक बहुत ही उपयोगी टूल होता है। इसका प्रयोग इंटरनेट या अन्य डाक्यूमेंट से कट या काॅपी किये गये मेटर को पेस्ट करने के लिये किया जाता है।
7. Clear :- इससे हम टेक्स या उसकी Formatting को डिलिट कर सकते है। इसकी शार्टकट की del है। इसमें मैटर को सिलेक्ट करना पडता है।
8. Select all:- इससे पूरे डाक्यूमेंट के मैटर को एक साथ सिलेक्ट कर सकते है। इसकी Shortcut key ctrl+A होती है।
9. Find:- इस आॅप्शन से डाक्यूमेंट में किसी भी टैक्स, शब्द एवं वाक्य को find किया जा सकता है। इसकी shortcut key ctrl+F है।More option में विभिन्न प्रकार से Searching कर सकते है जैसे Match Case, use Wild card , Find Whole word only , sound link etc.
10. Replace:- इस आॅप्शन से डाक्यूमेंट में किसी भी टैक्स, शब्द एवं वाक्य को Replace किया जा सकता है। इसकी shortcut key ctrl+H है। more option में विभिन्न प्रकार के आॅप्शन सिलेक्ट कर सकते है।
इसमें चार बटन होते है।
Replace Button:- इससे एक एक शब्द replace होता है।
Replace all Button:- इससे एक साथ पूरे डाक्यूमेंट में एक साथ replace होता है।
Find Next Button:- इससे word को find कर सकते है।
Find What text box:- इसमे उस शब्द को लिखते जिसको replace करना होता है।
Replace With:- इसमे जिससे तमचसंबम करना होता है। उसको लिखना होता है।
11. Goto:- इससे डाक्यूमेंट मे किसी भी विशेष स्थान पर जा सकते है। इसकी Shortcut key ctrl+G है।

3. View Menu
इस मेन्यु का प्रयोग डॉक्यूमेंट को विभिन्न तरीके से देखने के लिये किया जाता है। इससे हम विभिन्न टूल्स वार को Show एवं Hide कर सकते हैं। इसमें कुल चौदह ऑप्शन होते है। जो निम्न है।
Normal :- इसमें डॉक्यूमेंट को नार्मल व्यू में देख सकते है।
Web layout:- इसमें डॉक्यूमेंट को वेव ले आउट में देखा जाता है।
Reading Lay out:- इस व्यू में डॉक्यूमेंट को रीडिंग लेआउट में देखकर उस को रीड कर सकते है।
Print Layout:- इस लेआउट में डॉक्यूमेंट को प्रिंट लेआउट में देख सकते है अर्थात् जिस तरह का प्रिंट आउट निकलता है। उस तरह का दिखता है।
Toolbars:MS Word की सभी टूलबार को यहाँ से लाया एवं हटाया जाता है। इसमें कुल अठारह टूलबार होती है। और आवश्यकता के अनुसार टूलबार का निर्माण भी किया जा सकता है। यह टूलबार अपने आप कार्य के अनुसार आ जाती है और हट जाती है।
Ruler:-. Ruler Bar को यहाँ से Show एवं Hide किया जाता है। एमएस वार्ड डॉक्यूमेंट में इससे मार्जिन एवं पैराग्राफ की सेंटिंग की जाती है। इस पर टेब का प्रयोग किया जाता है। जिससे टेब की को सेट किया जाता है।
Thumbnails:- इस ऑप्शन से बडे डॉक्यूमेंट को देखा जा सकता है। इससे एक पेज से दूसरे पेज पर आसानी से जा सकते है। इसमें बडे डॉक्यूमेंट को आसानी से देखा जा सकता है।
Full Screen:- इस ऑप्शन से डॉक्यूमेंट को फूल स्क्रीन में देखा जा सकता है।
Zoom:- इस ऑप्शन से डॉक्यूमेंट को विभिन्न प्रकार से जूम करके देखा जा सकता है।
Header & Footer:हैडर और फुटर में उस मैटर को सेट किया जाता है। जिसको हमें डॉक्यूमेंट के प्रत्येक पेज पर शो करना होता है। इसमें जो मैटर या टेक्स्ट जोडा जाता है। वह डॉक्यूमेंट के प्रत्येक पेज के ऊपरी हिस्से में हैडर और पेज के निचले हिस्से में फुटर शो होता है। इसकी सेटिंग पेजसेट अप ऑप्शन से की जाती है। इस ऑप्शन से डॉक्यूमेंट में हैडर एवं फुटर को लगा सकते है इसके साथ हैडर एवं फुटर टूलबार शो होने लगती है। यह डॉक्यूमेंट के प्रत्यके पेज पर शो होता है। हैडर पेज को टॉप मार्जिन में जोडा जाता है। इसमें पेज नंबर, कुल पेज, एवं ऑटो टेक्स्ट आदि को जोडा जाता है। इसकी टूलबार से हैडर से फुटर में फुटर से हैडर में जा सकते है। स्क्रोल करके भी इस कार्य को किया जा सकता है। इसकी टूलबार सहायता से इसको manage किया जाता है।
header2
Footer:-यह पेज के निचले हिस्से में लगाया जाता है। अर्थात् यह पेज के Bottom margin में लगाया जाता है। इसके मार्जिन को पेजसेट अप से सेट किया जाता है। इसमें वह सभी आईटम जोडे जा सकते है। जो हैडर मे जोडे जाते है। हैडर फुटर टूलबार के Close Button पर क्लिक करके इनको क्लोज किया जाता है। हैडर या फुटर पर डबल क्लिक करके इसमें Editing का कार्य कर सकते है।
Markup:- इस ऑप्शन से Comment को Show एवं Hide किया जाता है। अर्थात् यह कामेंट में प्रयोग होता है। इससे Reviewing नाम की टूलबार आती है। जिससे मार्कअप का प्रयोग किया जाता है। इससे टेक्स्ट को हाईलाईट भी किया जाता है।
4. Insert Menu

 इस मेन्यु की सहायता से डॉक्यूमेंट में विभिन्न प्रकार के आब्जेक्ट को जोड़ा जाता है। इसमें कुल पंद्रह ऑप्शन होते है।
Break:-. इस ऑप्शन से डॉक्यूमेंट को विभिन्न प्रकार से ब्रेक कर सकते है| इस ऑप्शन पर क्लिक करने पर Break नाम का डायलॉग बॉक्स आता है। जिसमे से आवश्यकता के अनुसार पेज को ब्रेक कर सकते है।
इस बॉक्स में दो option होते है|
1.           Break type:-. इसमें page break, Column Break, and Text Wrapping Break को ब्रेक कर सकते है।
2.           पेज ब्रेक:- इससे पेज को बिना पेराग्राफ बदले ब्रेक किया जा सकता है।
3.           कॉलम ब्रेक:- इससे कॉलम को ब्रेक किया जा सकता है।
4.           टेक्स्ट ब्रेपिंग ब्रेक:- इससे किसी भी शब्द को कहीं से भी ब्रेक कर सकते है। इससे नया पेराग्राफ भी नही बनता है।
2.           Section Break Types:- इस ऑप्शन के द्वारा page को ब्रेक करके next page पर जा सकते है odd and even page को जोड़ सकते है। इनमें से कोई एक ऑप्शन को एक समय में चुन सकते है।
Insert Page Number:- इस ऑप्शन से डॉक्यूमेंट में पेज नंबर को जोड़ा जा सकता है। इसके बॉक्स में पेज नंबर को कहाँ पर लगाना है। यह Position Combo box से सिलेक्ट करते है। और उसके दूसरे Combo box से alignment को चुनते है। इसमें एक चेक बॉक्स होता है जिससे फर्स्ट पेज पर नंबर दिखाना है या नही इसका निर्धाण किया जाता है। format Button पर क्लिक करके उसके Format एवं page Numbering को कहां से प्रारंभ करना है इसको चुना जाता है
Date Time:- इस ऑप्शन से डॉक्यूमेंट में Date and Time को जोड़ सकते है। यदि अपडेट ऑप्शन को चेक किया है। तो Add की गई डेट अपने आप कम्प्यूटर डेट से अपडेट हो जाती है।
Auto Text:- इस ऑप्शन से पेज डॉक्यूमेंट में टेक्स्ट को अपने आप जोड़ सकते है। वे टेक्स्ट जिनका प्रयोग डॉक्यूमेंट में बहुत ज्यादा बार करना होता है। या जो कॉमन शब्द या वाक्य होते है। उनको Auto Text डायलॉग बॉक्स में जोड़ देते है। फिर जब भी हम उस शब्द को लिखना प्रारंभ करते है तो auto text उसके ऊपर शो होने लगता है। यदि उसको जोड़ना होता है। तो इंटर कर देते है। नये शब्द को auto text में जोड़ना Go to Insert menu → auto text→ auto text पर क्लिक करने पर Auto Correct नाम का डायलॉग बॉक्स आता है।
इस बॉक्स में पाँच टेब होते है। इसमें से Auto text tab को सिलेक्ट करते है। Enter Auto text Entries here box में शब्द को लिखकर Add Button पर क्लिक करके add कर देते है। जिस टेक्स्ट को डिलीट करना होता है। उसको सिलेक्ट करके Delete Button पर क्लिक करके डिलीट कर देते है। यहाँ से auto text को सीधे Insert Button पर क्लिक करके अपने डॉक्यूमेंट में प्रयोग कर सकते है। और अंत मे ok button पर क्लिक कर देते है।
Symbol:- इस ऑप्शन से डॉक्यूमेंट में symbol को insert कर सकते है। एवं उसकी shortcut key भी परिभाषित कर सकते है। इसमें ऐसे शब्द या चिन्ह होते है। जिनको कम्प्यूटर कीबोर्ड की सहायता से टाईप नहीं किया जा सकता है। आवश्यकतानुसार इन्हें अपने डॉक्यूमेंट में जोड़ कर अपने डॉक्यूमेंट को सरलता से तैयार कर सकते है।
Field :- यह एक विशेष प्रकार का ऑप्शन होता है। जिसकी सहायता से विभिन्न प्रकार के फील्ड के टेक्स्ट को डॉक्यूमेंट में लिख सकते है जैसे maths formula , Equation आदि।
Comment:- इस ऑप्शन से डॉक्यूमेंट के किसी विशेष शब्द में कमेंट लगा सकते है।
Picture:- इससे हम डॉक्यूमेंट में Picture, word art, auto shapes, chart आदि को डॉक्यूमेंट में आसानी से Insert करा सकते है। इसी कार्य को Drawing Tool bar से भी कर सकते है।
File:- इस ऑप्शन से डॉक्यूमेंट में दूसरी फाईल के मैटर को आपस में मर्ज कर सकते है।
Object:- यह एमएस ऑफिस का एक महत्वपूर्ण ऑप्शन होता है इससे डॉक्यूमेंट में सीधे आब्जेक्ट को बना सकते है। एवं इससे किसी फाईल आदि को भी लिंक कर सकते है। एवं उसको आइकन के रूप में भी जोड़ सकते है।
डॉक्यूमेंट में आब्जेक्ट को जोड़ना
Go to insert menu → Object पर क्लिक करने पर object नाम का बॉक्स आता है।
इस बॉक्स में दो टेब होते है यदि फाईल को लिंक कराना है तो File Check box को सिलेक्ट करते है और यदि फाईल को आईकन के रूप में प्रदर्शित करना है। तो Display as icon को सिलेक्ट करते है। Browse Button पर क्लिक करके फाईल को सिलेक्ट करते है। यदि फाईल को लिंक किया गया है तो यदि source File मे सुधार किया जाता है। तो Destination Object मे auto update हो जाता है। edit menu से इसमें editing की जा सकती है।
Hyper Link:- इस ऑप्शन से वर्तमान डॉक्यूमेंट में किसी भी फाईल को लिंक कराया जा सकता है। जिस पर Ctrl + click करने पर वह डॉक्यूमेंट खुल जाता है। जिससे यह इंटरनेट की तरह कार्य करने लगता है। इससे एक से अधिक डॉक्यूमेंट को आपस में जोड़ सकते है। इसकी Shortcut key Ctrl+K है। हाईपरलिंक डॉक्यूमेंट under line होता है और इसका कलर बदल जाता है

  5. Format Menu
इस मेन्यु की सहायता से डॉक्यूमेंट की formatting की जा सकती है। इसमें सौलह ऑप्शन होते है। इसकी Shortcut Key की Alt+O है।
Font :- इस ऑप्शन के डायलॉग बॉक्स में तीन टेब होते है। जिसकी सहायता से डॉक्यूमेंट की Formatting की जा सकती है।
word-font
प्रथम टेब से टेक्स्ट का font, Font style, Font Size, Font Color आदि को बदला जा सकता है एवं टेक्स्ट में विभिन्न प्रकार के Effect लगा सकते है। इसकी Shortcut key Ctrl+D है। दूसरा टेब Character spacing का होता है जिससे टेक्स्ट के स्पेस को सेट किया जाता है। तीसरा टेब text effects का होता है। जिससे टेक्स्ट में प्रभावशाली animations लगा सकते है।
Paragraph :- इस ऑप्शन से पैराग्राफ की Formatting की जाती है। इसके डायलॉग बॉक्स में दो टेब होते है। Indents and Spacing इस टेब से पैराग्राफ का alignment, Indentation, Spacing को सेट किया जाता है। पैराग्राफ में तीन Indentation होते है। left, Right and First line Indent इन तीन की सेटिंग की जाती है। स्पेसिंग इससे पैराग्राफ के पहले और बाद का स्पेस सेट किया जाता है। इसके अलावा इससे पैराग्राफ के बीच की लाईनों के बीच कितना स्पेस देना है। इसकी भी सेटिंग की जाती है। Line and Page Breaks इस टेब से लाईन एवं पेज ब्रेक की सेटिंग की जाती है। कि नया पैराग्राफ कहाँ किस पेज पर आयेगा।
paragraph
bullets and Numbering :यहाँ से डॉक्यूमेंट में Bullets and Numbering का प्रयोग कर सकते है। इसके डायलॉग बॉक्स में चार टेब होते है।
Bullets Tab :- यह bullets and Numbering डायलॉग बॉक्स का पहला टेब होता है। इससे डॉक्यूमेंट में bullets का प्रयोग कर सकते है एवं Customize Button पर क्लिक करके उस चिन्ह को बदल सकते है। एवं alignment, Position आदि को निर्धारित किया जा सकता है।
bullets
Numbered Tab:- यह बॉक्स का दूसरा टेब होता है। इससे डॉक्यूमेंट में Number का प्रयोग कर सकते है। इसको भी customize किया जा सकता है। जिससे alignment, position, Text Position आदि को निर्धारित किया जाता है। जैसे 1. 2. 3. 4., A., B., C. I, II, III
numbering
Outline Numbered Tab :- यह डायलॉग बॉक्स का तीसरा टेब होता है। इससे डॉक्यूमेंट में Outline Numbered का प्रयोग किया जाता है। जैसे 1.1, 1.1.2, 2.,2.1,2.2.1 etc.
Tab:- इस टेब से लाईन की स्टाईल को चुनकर उसका प्रयोग डॉक्यूमेंट में कर सकते है।
Borders & shading: इससे हम शब्द, पैराग्राफ या पेज मे Border and Shading का प्रयोग कर सकते है। इसके डायलॉग बॉक्स में तीन टेब होते है। इसमे setting, Style, Color, width आदि को सेट किया जाता है। Borders Tab से शब्द या पैराग्राफ में Border लगा सकते है। Page Border Tab इस टेब से पेज मे Border लगाई जा सकती है। Shading Tab इससे डॉक्यूमेंट में shading लगाई जा सकती है।
Borders and Shading
Column:- Format menu के इस ऑप्शन से पेज मे कॉलम को जोड़ सकते है। पेज एक कॉलम होता है। उसको इस ऑप्शन से एक से अधिक कॉलम में बना सकते है।
column
Column डायलॉग बॉक्स में presets से कॉलम को चुनते है। या फिर Number of Column में कॉलम की संख्या दे सकते है। जितने कॉलम चाहिये होते है। Width and spacing से कॉलम की चैडाई एवं उनके बीच स्पेस को सेट कर सकते है। line between check box को चुनकर दो कॉलम के बीच लाईन खीच सकते है। एक कॉलम से दूसरे कॉलम में जाने के लिये उसको ब्रेक करना पडता है। अधिकतम बारह कॉलम हो सकते है। न्यूनतम एक कॉलम होता है।
Tabs:- इससे टेब की सेंटिंग कर सकते है।
इससे टेब की position,alignment and leader आदि को सेट कर सकते है। इसी कार्य को रूलर बार की मदद से भी किया जा सकता है अर्थात् टेब को रूलर बार पर लगाया जाता है। फिर जब टेब की को दबाते है। तो कर्सर टेब के नीचे रूकता है। टेब में पाँच प्रकार के अलाईनमेंट होते है। इसका प्रयोग करके हम अपने डॉक्यूमेंट को व्यवस्थित तरीके से तैयार कर सकते है।
Change Case :- इससे पहले से लिखे शब्दों के केस को बदला जा सकता है। इसमें पाँच केस होते है।
change case
किसी भी केस से किसी भी केस में बदला जा सकता है।
1.           Sentence Case :- इस केस में सेनटेंस का पहला अक्षर बडा होता है। बाकी सभी अक्षर छोटे होते है। जैसेः- I am student of dca.
2.           lower case :- इस केस में सेनटेंस के सभी अक्षर छोटे होते है। जैसेः- i am student of dca.
3.           UPPER CASE :- इस केस में सेनटेंस के सभी अक्षर बडे होते है। जैसेः- I AM STUDENT OF DCA.
4.           Title Case :- इस केस में प्रत्येक शब्द का पहला अक्षर बडा होता है। जैसेः- I Am Student Of Dca.
5.           tOGGLE cASE :-यह एक विशेष प्रकार का केस है। इसमें प्रथम लैटर छोटा तथा बाकी लैटर बड़े होते हैं जैसे:- i aM sTUDENT oF dCA.
Background :- इससे डॉक्यूमेंट के बेकग्राउड को बदला जा सकता है। इसमें color, Fill effect and Print water mark को सेट किया जा सकता है।
Format menu→ background→ fill effect
fill effect
Format menu→ background→ printed water mark
watermark
Auto Format:- इस ऑप्शन से डॉक्यूमेंट को auto format किया जा सकता है। उसकी हैडिंग, लिस्ट, पैराग्राफ आदि को सेट किया जाता है। एवं कई टेक्स्ट इससे रिप्लेस किये जाते है। जिससे वह सुदंर दिखने लगता है। इस ऑप्शन का प्रयोग करके डॉक्यूमेंट की सेंटिंग ऑटोमेटिक हो जाती है
Styles and Formatting :- इस ऑप्शन से Formatting के लिये स्टाइल का निमार्ण कर सकते है। एवं उसकी shortcut key को परिभाषित कर सकते है। इसमें पैराग्राफ अक्षर लेविल की सेटिंग की जाती है। एवं Font, tab, paragraph, border आदि को सेट किया जा सकता है।
6. Tool Menu
इस मेन्यु में एमएस वर्ड के टूल होते है। जिसकी सहायता से एक अच्छे डॉक्यूमेंट का निमार्ण किया जा सकता है। इसकी Shortcut key Alt+T होती है।
·             Spelling & Grammar checked
·             Research
·             Language
·             Hyper nation
·             Word Count
·             Auto Summarize
·             Speech
·             Track Change
·             Letter and Mailing
·             Macro
·             Auto Correct Option
·             Customize
·             Option
Spelling & Grammar :- MS Word में Spelling & Grammar Check करने की सुविधा होती है। जो यूजर English की कम जानकारी रखते है उनके लिये यह एक महत्वपूर्ण टूल है। एमएस वर्ड यूजर द्वारा लिखी गयी गलत Spelling & Grammar की error को show करने लगता है। यदि word की Spelling गलत होती है। तो उसके नीचे Red line आ जाती है। और यदि ग्रामर संबंधी error होती है। तो उस वाक्य के नीचे Green line आ जाती है। उसकी इस गलतीयों को Spelling & Grammar tool से सही किया जा सकता है। इसकी shortcut key F7 होती है । जिस शब्द या वाक्य मे error होती है उस पर राईट क्लिक करने पर Suggestion show करने लगता है। जिसमे से सही suggestion को चुन लिया जाता है। जिससे उसको रिप्लेस कर दिया जाता है।
spelling-and-grammar-in-word
Spelling & Grammar डायलॉग बॉक्स में दो भाग होते है। Not in Directory box में मैटर शो होता है नीचे Suggestions Box होता है। जिसमे suggestions आते है। जिसमे से सही विकल्प चुन लिया जाता है। यदि यूजर को लगता है कि यह शब्द सही है। तो उसको कम्प्यूटर की Dictionary में जोड़ने के लिये Add to Directory Button पर क्लिक कर देते है तो वह शब्द कम्प्यूटर के शब्दकोश मे जुड़ जाता है। यदि शब्द को नही बदलना होता है तो Ignore Button पर क्लिक करते है। और यदि उस शब्द को पूरे डॉक्यूमेंट में Ignore करना होता है। तो Ignore all Button पर क्लिक कर देते है। यदि शब्द को बदलना होता है तो Change Button पर क्लिक करते है। और यदि उस शब्द को पूरे डॉक्यूमेंट में Change करना होता है। तो Change all Button पर क्लिक कर देते है।
Language:- Tool menu के इस ऑप्शन में भाषा संबंधी टूल होते है। जिसमें language set करना Thesaurus, Translate option होते है। Language set से डॉक्यूमेंट की भाषा को सेट कर सकते है। Translate इस ऑप्शन से किसी भी शब्द को Translate कर सकते है। Thesaurus में उसके same meaning show करता है। जिसका प्रयोग करके हम अपने डॉक्यूमेंट को attractive बना सकते है।
thesaurus-1
Hyper nation :- Document के left and right alignment को सही दिखाने के लिये शब्द को तोड़ कर लिखा जाता है। ऐसे शब्द जो right alignment के कारण पूरा शब्द उस लाईन में नहीं  लिख पाता है । तो वह पूरा का पूरा शब्द नई लाईन मे आ जाता है। जिससे वह स्पेस खाली रह जाता है। जिससे डॉक्यूमेंट की सुदंरता कम हो जाती है। इसकी इस समस्या को दूर करने के लिये Hyphenation option का प्रयोग करके शब्द को हाइपरनेट किया जाता है। जिससे वह शब्द ब्रेक हो जाता है। और वहाँ पर hyper nation (-) का चिन्ह आ जाता है।
Word Count:  इस ऑप्शन से डॉक्यूमेंट के पेज वर्ड पैराग्राफ बिना अक्षर वाले शब्द स्पेस वाले शब्दों को गिनकर डायलॉग बॉक्स में शो करता है।
microsoft-word-word-count-footnotes
Mail Merge:- मेल मर्ज एमएस वर्ड की वह महत्वपूर्ण सुविधा है। जिसके द्वारा आप एक ही पत्र अनेक व्यक्तियों को भेज सकते हैं जब ग्रुप में लेटर तैयार करना होता है। तो वहाँ पर मेलमर्ज का प्रयोग करते है। जैसे प्रवेश पत्र, निमंत्रण पत्र, ऑफिस लेटर आदि। अर्थात् इससे हम डाटाबेस को जोड़ सकते है।
Process of Mail Merge
Go to tool menu → letters and Mailings→ mail merge
Step 1:-
पर क्लिक करते है। तो Mail Merge नाम का डायलॉग बॉक्स आता है। इसमें किस प्रकार के डॉक्यूमेंट पर कार्य करना है। उसको चुनते है। जैसे letter, Email, Envelops, labels आदि। और Next Button पर क्लिक करते है।
step 1
Step 2:-
इस डायलॉग बॉक्स में यह सिलेक्ट करते है कि किस डायक्यूमेंट मे कार्य करना है। उसको चुन कर Next Button पर क्लिक करते है।
step 2
Step 3:-
इस डायलॉग बॉक्स में पहले से उपस्थित डाटाबेस को चुनते है या नया डाटाबेस बनाते है। नया डाटाबेस को बनाने के लिये Type a new list को चुनते है और Create पर क्ल्कि करते है। और डाटाबेस को बनाते है।
step 3a
Type a new list→ Create→ customize यहाँ पर अनावश्यक फील्ड को डिलीट करते है।, नये फील्ड को जोड़ सकते है। पहले से उपस्थित फील्ड को रिनेम कर सकते है। फील्ड को अपडाउन भी कर सकते है। और ok button पर क्लिक करते है। नये डाटा को जोड़ने के लिये New Entry पर क्लिक करते है। सभी डाटा fill करने के बाद क्लोज बटन पर क्लिक करते है। और डाटाबेस को सेव करते है। Refresh Button पर क्लिक करके ok Button पर क्लिक करते है। फिर Next Button पर क्लिक करते है।
new address
Step 4:-
यहाँ से Greeting line and items को डॉक्यूमेंट में Insert करते है। और Next Button पर क्लिक करते है।
last
Step 5:-
इस स्टेप में मेल मर्ज की प्रक्रिया पूरी हो जाती है। और Next Button पर क्लिक करते है।
Step 6:-
इस स्टेप मे डॉक्यूमेंट को प्रिंट करते है। इसमे तीन ऑप्शन होते है।
all :- इससे सभी रिकार्ड प्रिंट हो जायेगे।
Current Record:- इससे केवल वर्तमान रिकार्ड प्रिंट होता है।
From:- इसमें जहाँ से जहाँ तक के रिकार्ड प्रिंट करना होता है। उनको इनपुट करते है।
और अंत में ok Button पर क्लिक करते है। तो रिकार्ड प्रिंट हो जाते है।
इसके पश्चात् मेलमर्ज टूलबार आती है। जिससे मेलमर्ज कार्य को करते है। मेल मर्ज से समय की बचत होती है और आवश्यकता के अनुसार लोगों के लिये लेटर तैयार हो जाते है। इसमें गलती होने का बहुत कम डर होता है।
Labels & Envelopes:  एमएस वर्ड में लेविल और लिफापे की सेंटिग करके डाटाबेस को सेट करके उनको प्रिंट किया जा सकता है।
Go to Tool Menu→ Letters & Mailings→ Labels & Envelopes
पर क्लिक करने पर Labels & Envelopes नाम का डायलॉग बॉक्स आता है। इसमें दो टेब होते है। Envelops, labels जिसको बनाना होता है उस टेब को सिलेक्ट करते है। इसके बाद Option Button पर क्लिक करते है और लेबिल का साइज चुनते है या फिर new label पर क्लिक करके नये लेबिल का निर्माण करते है। जिसमें लेबिल का नाम, चैडाई, लंबाई, मार्जिन आदि को सेट करते है और ok button पर क्लिक करते है। प्रिंट बटन पर क्लिक करके लेविल को प्रिंट कर सकते है।
7. Table Menu
Table menu से टेबिल को बना कर टेबिल के साथ कार्य किया जा सकता है। इसमें चौदह ऑप्शन होते है। इसकी Shortcut key Alt+a होती है।
·             Draw Table
·             Insert
·             Delete
·             Select
·             Merge Cells
·             Split Cells
·             Split Table
·             Table auto Format
·             AutoFit
·             Convert
·             Sort
·             Formula
·             Hide Gridline
·             Table Properties
Draw Table :- इससे हम टेबिल को बना सकते है। इस पर क्लिक करने पर कर्सर का आकार पेंसिल के समान हो जाता है और Table & Border नाम की टूलबार शो होने लगती है। जिसका प्रयोग करके हम टेबिल का निर्माण कर सकते है। इससे हम आवश्यकता के अनुसार रो एवं कॉलम बना सकते है एवं डिलीट कर सकते है। इसके साथ साथ उसके डाटा को भी सेट कर सकते है। टेबिल की विभिन्न प्रकार की सेटिंग की जा सकती है।
Tables and Borders toolbar

Insert :- टेबिल मेन्यु के इस ऑप्शन से डॉक्यूमेंट में सीधे टेबिल को जोड़ सकते है। इसके डायलॉग बॉक्स में रो एवं कॉलम की संख्या को देना होता है एवं auto Format से टेबिल के Format को सिलेक्ट कर सकते है। इसके बाद ok button पर क्लिक करते ही टेबिल insert हो जाती है। इसके अलावा इससे टेबिल में left column, right Column, above and down row एवं टेबिल में सेल आदि को आसानी से जोड़ सकते है।
insert table
Delete:- इस ऑप्शन से Table, row, column and cell को डिलीट कर सकते है।
Select :- इस ऑप्शन से Table, column, row and cell को सिलेक्ट कर सकते है।
Merge cells:- इस ऑप्शन से Table, column, row and cell को सिलेक्ट करके उसको मर्ज कर    सकते है। अर्थात् उनको आपस में एक कर सकते है।
Split cells:- इससे एक सेल को एक से अधिक row and column में तोड़ा जा सकता है।
split-cells-window
Auto Format:इस ऑप्शन से टेबिल को auto format किया जा सकता है। जिससे टेबिल को format करने की आवश्यकता नही होती है।
excel-2013-autoformat
Auto Fit:- इससे टेबिल के रो एवं कॉलम को उसके डाटा के अनुसार फिट किया जा सकता है और रो एवं कॉलम की साईज बराबर की जा सकती है। इस ऑप्शन के अन्दर पांच ऑप्शन होते है। जिसकी सहायता से टेबल को अलग अलग तरीके से फिट किया जा सकता है। जैसे
Autofit to window
Autofit to content
Fixed column width
Distribute rows evenly
Distribute columns evenly
Convert:- इस ऑप्शन के द्वारा टेक्स्ट को टेबिल एवं टेबिल को टेक्स्ट में बदला जा सकता है। जब टेक्स्ट से टेबिल में बदला जाता है। उस समय टेबिल में रो एवं कॉलम की संख्या दी जाती हैं|की संख्या दी जाती हैं और जब टेबिल से टेक्स्ट में बदला जाता है। तो यह निर्धारित किया जाता है। कि किस बेस पर टेक्स्ट को seprate किया जाये। पैराग्राफ, टेब, कोमा या अन्य इसमें से कोई एक सिलेक्ट करके OK button पर क्लिक करते है।
Sort:- इससे टेबिल के डाटा को शॉर्ट किया जा सकता है। इसे दो प्रकार से Ascending or Desending क्रम में अर्थात् A to Z और Z to A के क्रम में Sort किया जा सकता है। इसमें कॉलम टाइप एवं sorting के प्रकार को सिलेक्ट किया जाता है। इसमें sorting के लिये एक से अधिक ऑप्शन होते है।
sort
Table Properties:- table menu का यह एक महत्वपूर्ण ऑप्शन होता है। इससे टेबिल की properties को सेट किया जा सकता है। इसके डायलॉग बॉक्स में चार टेब होते है। table tab इससे टेबिल की Properties set करते है। Row Tab इससे रो की सेटिंग की जा सकती है। Column Tab इससे कॉलम की सेंटिग की जाती है। Cell Tab इससे सेल की सेटिंग की जाती है।
TableProbsDB
8.Windows Menu:- इस मेन्यु से एमएस वर्ड में एक से अधिक विंडोज खुली होती है तो उन
विंडोज को मैंनेज किया जाता है। एवं एमएस वर्ड डॉक्यूमेंट विंडो को spilt किया जा सकता है। alt+w
9.Help Menu:- इससे एमएस वर्ड के बारे में हेल्प ले सकते है। इसकी shortcut key F1 है।
MS EXCEL
Introduction to MS Excel
यह  एम एस आॅफिस का एक software है। जिसकी सहायता से हम डाटाबेस पर डाटा प्रोसेसिंग का कार्य कर सकते है। एवं डाटा को स्टोर कर सकते है। इसमें डाटाबेस को मैनेज करने के लिये विभिन्न प्रकार के टूल होते है। जिसका प्रयोग करके डाटाबेस की फाॅमेंटिंग कर सकते हे। इस एप्लीकेशन साॅफ्टवेयर के मेन्यु बार में नौ मेन्यु होते है। इसमें विभिन्न प्रकार की टूलबार होती है। जिसका प्रयोग करके अपने कार्य को आसानी से कर सकते है। इसमें एक एप्लीकेशन विंडो होती है। जिसके अन्दर वर्कबुक होती हैं। वर्कबुक के अन्दर वर्कसीट होती है। एक्सेल में डाटा को वर्कशीट में स्टोर किया जाता है। इसमें रो ओर काॅलम होते है। रेा और काॅलम से मिलकर सेल बनती हैं इसमें प्रत्येक सेल का एक address होता है। जिसे सेल एड्रेस कहा जाता है। यह एड्रेस काॅलम और रो के नाम से मिलकर बना होता है। जैसे A1, BB10 आदि। एक वर्कसीट में 65536 रो और 256 काॅलम होते है। रेा का नाम Number से रहता है। और काॅलम का नाम alphabet में रहता है। इसमें कुल सेल की संख्या निम्न होती है। 65536*256=16777216 एक वर्कवुक में 256 वर्कसीट होती है। इसमें जो फाईल बनती है। उसका द्वितीयक नाम .XLS होता है।
Concepts of Workbook & Worksheet
वर्कबुकः- यह एक ऐक्सल फाईल होती है। जिसके अन्दर कई वर्कसीट होती है। जिसमें डाटा को स्टोर किया जाता है। एक वर्कबुक के अन्दर 256 वर्कसीट होती है। वाय डिफाल्ट तीन वर्कसीट होती है। इसमें नई वर्कसीट को जोडा या डिलिट किया जा सकता है। रीनेम किया जा सकता है और इसमें सीट को काॅपी मूव आदि का कार्य सरलता से किया जा सकता है। वर्कबुक open करने पर वर्कसीट अपने आप खुल जाती है। एक समय में एक ही वर्कबुक पर कार्य किया जाता सकता है। जिसे ऐक्टिव वर्कसीट कहा जाता है।

वर्कसीटः- वर्कसीट बुक के पेज की तरह होती है। जिसमें हम डाटा को स्टोर कर सकते है। एक वर्कसीट में 65536 रो और 256 काॅलम होते है। एवं 65536*256=16777216 सेल होती है। प्रत्येक काॅलम का एक नाम होता है। जिसे एल्फाबेट से डिफाइन किया जाता है। यह रेंज A से IV =256 तक होती है। एवं रो को न्यूमेंरिक नंबर से डिफाइन किया जाता है। इसकी रेंज 1 से 65536 तक होती है। इसको रीनेम किया जा सकता है।

सेलः- रो और काॅलम के मिलने से सेल बनती है। एक वर्कसीट में 65536*256=16777216 cells बमससे होती है। सेल में डाटा को लिखा जाता है। एक सेल में 255 अक्षर लिखे जा सकते है। काॅलम एवं रो के नाम को मिलाकर सेल का नाम बनता है। यह सेल का ऐडस होता है। दो सेल ऐडस मिलकर रेंज ऐडस बनाते है। इसमें दो या दो से अधिक सेल को आपस में मर्ज किया जा सकता है और सेल की फाॅमेटिंग का कार्य भी किया जा सकता है।
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Data Type
किसी एक्सेल वर्कशीट में कई प्रकार के डाटा भरे जा सकते हैं वर्कशीट के किसी सैल में किसी विशेष प्रकार का डाटा भरने के लिए हमें उस सैल को वह डाटा स्टोर करने और ठीक तरह से दिखाने के लिए फॉर्मेट करना पड़ता हैं सैलों को फॉर्मेट करने से पहले डाटा टाइप को ठीक से समझ लेना आवश्यक हैं|
Data Type सेट करने के लिये रो काॅलम या ऐरिया को सिलेक्ट करना होता है। इसके बाद डाटा टाईप को सेट करना होता है। एक्सेल में बारह प्रकार के डाटा टाईप होते है। लेकिन उनमें से कुछ डाटा टाइप ही अधिक महत्वपूर्ण हैं एक्सेल में मुख्यतः निम्नलिखित डाटा टाइप उपयोग में लाये जाते हैं जो निम्न है।
General :- इस डेटा टाईप का प्रयोग सभी प्रकार के डाटा को स्टोर करने के लिए किया जाता है। यह एक काॅमन डाटा टाईप है।
जैसे – A to Z अक्षर, 0 to 9 नम्बर, चिन्ह, दिनांक, समय आदि |
general
Number:- इस डेटा टाईप का प्रयोग केवल अंको (0 से  9 तक), दशमलव के अंको को सेट करने के लिए किया जाता हैं।
number
Currency :- इस डेटा टाईप का प्रयोग करेंसी से सम्बंधित फॉर्मेट को बदलने के लिए किया जाता हैं इसमें दशमलव के अंक एवं करेंसी चिन्ह को सेट करना होता है।
जैसे – Rs. 15,000, $500, Rs. 1500.00, Rs. 15000
select-currency
Date :- इस डेटा टाईप का प्रयोग डेट से सम्बंधित फॉर्मेट को बदलने के लिए किया जाता हैं इसमें डेट के फाॅर्मट को सिलेक्ट करना होता है।
जैसे – dd/mm/yyyy, mm/dd/yyyy, yyyy/dd/mm, 23-July-2016, 23 july.
date
Time :- इस डेटा टाईप का प्रयोग टाईम से सम्बंधित फॉर्मेट को बदलने के लिए किया जाता हैं इसमें टाईम के फाॅर्मट को सिलेक्ट करना होता है।
excel-default-time-format
Percentage:- इस डेटा टाईप का प्रयोग Percentage से सम्बंधित फॉर्मेट को बदलने के लिए किया जाता हैं इसमें दशमलव के अंको को भी सेट करना होता है। इसमें Percentage चिन्ह आता है।
percentage
Scientific:- इस डेटा टाईप में नंबर प्रकार के डाटा को स्टोर किया जाता है। इसमें दशमलव के अंको को सेट करना होता होता है।
Text :- इस डेटा टाईप का प्रयोग टेक्स से सम्बंधित फॉर्मेट को बदलने के लिए किया जाता हैं इसमे गणितीये गणनायें नही की जा सकती है।
Special :- इस डेटा टाईप का प्रयोग विशेष प्रकार के डाटा को स्टोर करने के लिए किया जाता है। जिप कोड एवं फोन नंबर आदि को स्टोर किया जाता है।
special
Accounting:- इस डेटा टाईप का प्रयोगअकाउंट से सम्बंधित डाटा को स्टोर करने के लिए किया जाता है। इसमें दशमलव के अंको को सेट करना होता है एवं करेंसी का चिन्ह चुनना पडता है।
Custom:- इस डेटा टाईप में आवश्यकता के अनुसार डाटा के प्रकार को सेट कर सकते है।
custom




Functions and its Types (फंक्शन और इसके प्रकार)

एक्सेल में फ़ॉर्मूला या फंक्शन का बहुत महत्त्व हैं जब हम कोई गणना करना चाहते हैं जैसे किसी कॉलम के कुछ सेलों को जोड़ना, एक संख्या का दुसरे में गुणा करना, किसी रेंज के डाटा का औसत निकालना आदि, तो हम उस गणना के लिए फोर्मुलों का उपयोग करते हैं कोई फ़ॉर्मूला उस सेल में भरा जाता हैं जहाँ हम गणना का परिणाम दिखाना चाहते हैं ऍम एस एक्सेल में फ़ॉर्मूला हमेशा बराबर चिन्ह (=) से प्रारंभ होता हैं|
एक्सेल में पहले से परिभाषित फार्मूले होते है जिन्हें फंक्शन कहते हैं  जिनके द्वारा विभिन्न प्रकार के कार्य किये जा सकते है जैसे जोड़ना, घटना, गुणा, भाग, डेट, टाइम आदियह प्रकार के होते है। जो निम्न है।
1.      Math or String
2.      Date & Time
3.      Text
4.      Financial
5.      Logical
6.      Statically
7.      Lookup or reference
Function का प्रयोग करना:- इसका प्रयोग दो प्रकार से किया जाता है।
Director Type
करके:- इसमें Function को = के चिन्ह के बाद टाईप कर देते है और उसमें Argument insert करा देते है। और अंत में इंटर या क्लिक करके उसका परिणाम प्राप्त कर सकते है।
Menu के द्वारा:- Insert menu → Function पर क्लिक करने पर Function डायलाॅग बॉक्स आता है। जिसमें Function सिलेक्ट करते है। और ok button पर क्लिक करते हैं। और उसके बाद उसमें उसके आॅर्गूमेंट देते है और ok button पर क्लिक करते है।

Math or String Function


1. SUM() :- 
इस Function के द्वारा संख्याओं को जोड़ा जाता है। इसमें value, cell address or cell range दी जा सकती है।

Example:- =SUM(a1:a4)
Sum04
result:- 180
2. SQRT() :- इस Function की सहायता से किसी भी संख्या का SQUARE ROOT निकाला जाता है। इसके आर्गूमेंट में किसी संख्या का सेल एड्रेस देते है या वह संख्या देते है। जिसका SQUARE ROOT निकालना होता है।
Example:- =SQRT(25)
sqrt
Result :- 5
3. odd() :- इस Function से सम संख्या को विषम संख्या में बदला जा सकता है।
उदाहरण=odd(80)
Result=81
4. even() :- इस Function से विषम संख्या को सम संख्या में बदला जा सकता है।
Example:-  =even(79)
Result=80
5. MOD() :- इस function की सहायता से किसी भी संख्या का शेषफल निकाला जाता है। इसमें दो आर्गूमेंट दिये जाते है।
Example:- =MOD(26,5)
result=1
6.POWER() :-  इस Function से किसी भी संख्या की घात की गणना की जा सकती हैं। इसमें दो आर्गूमेंट दिये जाते है पहली संख्या, दूसरी पावर।
Example:- =POWER(5,2)
Result = 25
7. ABS() :-  इससे absolute value निकालते है। अर्थात यदि कोई चिन्ह लगा है। तो उसको हटा दिया जाता है। यह आर्गूमेंट में एक नंबर लेता है।
Example:- =abs (-125)
Result = 125
8.Fact() :- इस Function की सहायता से किसी भी संख्या का Factorial number निकाल सकते है। यह आर्गूमेंट में एक नंबर लेता है।
जैसे 5 का Factorial होता है। 1*2*3*4*5=120
Example:- =fact (5)
Result= 120
9. INT() :- इस function से किसी भी संख्या की इंटीजर Value निकाल सकते है। यह आर्गूमेंट में एक नंबर लेता है।
Example:- =fact(123.34)
Result=123

Text Function

इस Function का प्रयोग टैक्ट के लिये किया जाता है। इसलिये इन्हे टैक्ट Function कहा जाता है। यह निम्न है।
1. UPPER():- 
यह Function lower case के अक्षर को बडे अक्षर में बदलता है।
Syntax:- =UPPER(TEXT)
Example:- UPPER(“shrivastava”)
Result:- SHRIVASTAVA
2. LOWER() :- यह Function Upper Case के अक्षर को Lower Case अक्षर में बदलता है।
Syntax:- =LOWER(TEXT)
Example:- LOWER(“SHRIVASTAVA")
RESULT:- shrivastva
3. Proper():- यह Function text को proper case में सेट करता है।
Syntax: =proper(TEXT)
Example:- proper(“srivastava”)
result:- Srivastava
4. len():- यह Function text के अक्षर गिनता है।
Syntax: =len(TEXT)
Example:- len(“srivastava”)
Result:- 10
5.left():- यह Function शब्द के अक्षरो को बायीं तरफ से निकालता है। इसमें टैक्ट एवं कितने अक्षर निकालना है। उसकी संख्या देनी होती है।
Syntax: =Left(TEXT, Number)
Example:- Left(“srivastava”,3)
Result:- sri
6. Right():- यह Function शब्द के अक्षरो को दायीं तरफ से निकालता है। इसमें टैक्ट एवं कितने अक्षर निकालना है। उसकी संख्या देनी होती है।
Syntax: =Right(TEXT, Number)
Example:- Left(“srivastava”,2)
Result:- va
7. TRIM():- यह Function टैक्ट के आगे पीछे के खाली स्थान को खत्म कर देता है।
Syntax: =Trim(TEXT)
Example:- trim(“   Computer ”)
Result:- Computer
8.MID():- यह Function शब्दों को अक्षरो के बीच से निकालाता है। इसमें आर्गूमेंट के तौर पर टैक्ट एवं कहाॅ से अक्षर निकालना है। और कितने अक्षर निकालना हैं । उसकी संख्या देते है।
Syntax: =MID(TEXT,START NUMBER , END NUMBER)
Example:- Left(“MICRO COMPUTER”,6,7)
Result:- COMPUTER

DATE OR TIME FUNCTION

DATE:-
1. NOW():- यह Function Computer की current date and Time देता है।
=NOW()
OUT PUT- 10/20/2012 19:16
2. DAY():- यह Function DATE से दिन निकालता है।
Syntax:- day(date)
Example=day(22/7/2016)
Output=20
3. MONTH ():- यह Function DATE से Month निकालता है।
Syntax:- month(date)
Example= month (10/20/2011)
Output=10
4. year():- यह Function DATE से वर्ष निकालता है।
Syntax:- year(date)
Example= year (10/20/2011)
Output= 2011
5. today():- यह Function current date output में देता है।
=today()
Output:- 10/20/2011
6. Date():- यह Function दिये गये नम्बरों को दिनांक में बदलता है।
Syntax:- date(year,month,day)
Example:- date(2011,22,10)
Output= 22/10/211

Time Function:-

1. Time():- यह Function दिये गये hour, minute, second को समय में बदलता है।
Syntax:- Time(hour,minute,second)
Example:- Time(4,30,10)
Output:- 4:30 AM
2. Second():- यह Function दिये गये समय से सेकेंड आउटपुट में देता है।
yntax:- Second(Time)
Example:- Second(4:30)
Output:- 10
3. Minute():- यह Function दिये गये समय से मिनिट आउटपुट में देता है।
yntax:- minute(Time)
Example:- minute (4:30)
Output:- 30
4. hour():- यह Function दिये गये समय से घण्टा आउटपुट में देता है।
Syntax:- hour(Time)
Example:- hour(4:30)
Output:- 4
Chart in Excel
Excel Data को ग्राफ में प्रदर्शित करने के लिए चार्ट ऑप्शन का प्रयोग किया जाता है। डाटा को चार्ट से समझने में आसानी होती है। एक्सेल मे इसको विजार्ड के द्वारा बनाया जाता है।
Excel में चार्ट बनानाः- इसमें चार्ट को चार स्टैप में बनाया जाता है। जो निम्न है।
Step First:-
Insert menu → Chart
Or
Standard Tool Bar → Click on Chart Button
चार्ट बटन पर क्लिक करने पर chart wizard नाम का डायलाॅग बॉक्स आता है। इसमें चार्ट के प्रकार को चुनते है और Next Button पर क्लिक करते है। एक्सेल में चौदह प्रकार के चार्ट होते है।
Step Second:-
Second Step में चार्ट के लिये डाटाबेस को चुनते है। इस डायलाॅग बॉक्स में दो टेब होते है। प्रथम टेब में डाटा रेंज देते है एवं यह चुनते है। कि डाटा रो में है या काॅलम में दूसरे टेब series का होता है। इसमें सीरीज का नाम एवं उसकी रेंज देते है। इसमें नई सीरीज को जोडा जा सकता है। एवं पहले से उपस्थित सीरीज को डिलिट किया जा सकता है। एवं X Axis पर जो डाटा प्रदर्शित करना है। उसकी रेंज देते है और Next Button पर क्लिक करते है।
Step Third: –
इस डायलाॅग बाक्स में छः टेब होते है। जिनकी सहायता से चार्ट की सेंटिंग कि जाती हैं
यह टेब निम्न है।
1. Titles:- इसमें चार्ट का टाईटल X and Y Axis का टाईटल देते है।
2. Axes: इस टेब से यह निर्धारित करते है कि चार्ट में X and Y Axes पर लेबिल प्रदर्शित करना है या नही।
3. Grid lines :- इस टेब में चार्ट में Grid lines को निर्धारित किया जाता है।
4. Legend :- इस टेब में चार्ट में legend की स्थिति को निर्धारित किया जाता है कि Legend को चार्ट में कहाॅ पर शो करना है।
5. Data label :- chart में लेबिल के तौर पर क्या प्रदर्शित कराना है। इसको चुनते है।
6. Data Table:- Chart के डाटा की टेबिल को शो करना है या नही इसको सेट किया जााता है।
इसी प्रकार सभी सेटिंग करने के बाद Next Button पर क्लिक करते है।
Step Fourth:-
इस स्टेप में यह निर्धारित किया जाता है। कि चार्ट को कहाॅ पर लोकेट करना है वर्तमान सीट पर या नई सीट पर। इसके बाद Finish Button पर क्लिक करते ही चार्ट का निर्माण हो जाता है। इसके बाद उस पर राईट क्लिक करके उसकी Formatting की जा सकती है।
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Microsoft Excel में Data menu का प्रयोग
sort(शॉर्ट):- MS Excel में Sort ऑप्शन का प्रयोग एक Particular column के डाटा को ascending या  descending order  में व्यवस्थिति करने के लिए किया जाता है।
sort box
1. Ascending :- इसमें A To Z क्रम में डाटा को शाॅर्ट किया जाता है।
ascending list
2. Descending :- इसमें Z To A क्रम में डाटा को शाॅर्ट किया जाता है।
descending list
Filter (फिल्टर):- इस option का प्रयोग डाटा को ढूढने के लिये किया जाता है। इसके अन्दर दो sub- option  होते है।
(1) Auto Filter
(2) Advance Filter
Auto Filter (ऑटो फिल्टर):-  इस ऑप्शन का प्रयोग करने से सभी  Header Column में  Combo Box आ जाते है। जिसमें searching tools पाये जाते है। उसमे से  user अपनी जरूरत के अनुसार searching tool  चुनता है।
Advance Filter (एडवांस फिल्टर):- इस option के द्वारा लिस्ट से डाटा को condition के अनुसार खोज कर दूसरे स्थान पर display करते है। इसमे तीन प्रकार की  Range  का प्रयोग होता है।
(1) List Range
(2) Criteria Range
(3) Output Range
(1) List Range (लिस्ट रेन्ज ):-  यह वह रेन्ज होती है। जहाॅ से Records की खोज की जाती है।
(2) Criteria Range (
क्राइटेरिया रेन्ज):- यह वह range  होती है। जहाॅ पर condition दी जाती है। इसी condition  के अनुसार लिस्ट रेन्ज से डाटा फिल्टर होता है।
(3) Output Range (
आउटपुट रेन्ज ):- यह वह रेन्ज होती है। जहाॅ पर output display होता है। जो range criteria रेन्ज के अनुसार लिस्ट रेन्ज से फिल्टर होते है। वह सभी records  इसी रेन्ज मे प्रिन्ट होता है।
Practically Approach:-
1. prepare a data list
2. copy header row
3 . Paste it twice at different location
a. first for criteria range
b. second for output range
4 set the condition in criteria range for filtering data
5 set the cell pointer at first cell of list range
6 select advanced filter option from filter them it  display a dialog box tell criteria range ,output range and  press ok button alter that you will see the filtered records in output range.
Form(फार्म ):- फार्म ऑप्शन से user interface बनाया जाता हैं। जिसकी सहायता से डाटा को व्यवस्थित किया जाता है। फार्म बनाने के सबसे पहले cell Pointer को पहली cell में रखा जाता है। और उसके बाद इस ऑप्शन पर click किया जाता है।
subtotal(सबटोटल):- यह ऑप्शन वहाॅ पर प्रयोग किया जाता है। जहाॅ पर एक नाम से कई रिकार्ड होते है। और वह financial activities से सम्बन्धित हो। जैसे कि एक कम्पनी में कई सेल्समैन को कई item अलग-अलग जगहो पर बेचना है। तो वहाॅ पर हर सेल्समैन का total और Grand total निकालने की जरूरत पडती है। इसके लिए हम सबसे पहले रिकार्ड को ascending order में sort कर लेते है। उसके बाद लिस्ट को select करते हैं और इस ऑप्शन पर click करे।
Validation(वैलिडेशन):- इस ऑप्शन के द्वारा सीट के अन्दर कार्य पद्वति के नियम स्थापित किये जाते है। जैसे कि हम अपनी कम्पनी के employees को 5000 से कम और 10000 के बीच वेतन देते है तो हम यह चाहते है कि salary column में 5000 से कम और 10000 से ज्यादा की Entry user से न हो जाये तो इसके लिये salary column में validation लगा देगे।
Table(टेबल):- इस ऑप्शन का प्रयोग वहाॅ किया जाता है। जहाॅ पर financial परिणाम जानने हो जैसे कि बैंक से लोन ले तो कितने महीने में किस रेट से, कितनी किस्त अदा करनी पडेगी। इसके लिये एक टेबल बना कर देख लेते है।
Consolidation(कन्सोलिडेशन):- इस ऑप्शन का प्रयोग वहाॅ पर किया जाता है। जहाॅ पर दो या दो से अधिक Locations की value का total या average निकालना हो।
Pivot Table(पाइवोट टेबल):- इस ऑप्शन के द्वारा data sheet की summery report तैयार की जाती है। जिसमें किसी विशिष्ट values को column & row wise total एवं grand total प्राप्त कर सकते है।



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