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What is Database (डेटाबेस क्या है ?)
डाटा प्रोसेसिंग (Data Processing)
Data Base Management System




Data Types of MS Access
Section of Form in MS Access

2. detail
3. footer
1.Header – Header form के सबसे ऊपर का हिस्सा होता है। इसमे फॉर्म की हेडिंग देते है। जो यह निर्देशित करता है,कि फॉर्म किस कार्य से संबंधित है। कुछ control button का भी प्रयोग इसमे किया जा सकता है।
Tool Box of Form




Create form by using wizard




Step 3 :-इसमे फार्म का layout चुनते है,कि किस प्रकार का फार्म बनाना है। इसमे छः option होते है। जिसमे से किसी एक को चुनते है। और इसके बाद next button पर click करते है।



Step 1:-सर्व प्रथम रिपोर्ट object को चुनते है। इसके दायें तरफ दो ऑप्शन होते है। जिसमें से दूसरे ऑप्शन Create Report by using Wizard को चुनते है। और उस पर डबल क्लिक करने पर निम्न डायलॉग बॉक्स आता है।


MS ACCESS
What is Database (डेटाबेस क्या है ?)
किसी विशेष उद्देश्य के लिए एक स्थान पर संग्रहित एक समान तथा आपस में संबद्ध डाटा को डाटाबेस कहा जाता है। डाटा को व्यवस्थित कर उससे विभिन्न सूचनाएं प्राप्त की जा सकती हैं तथा उनका आवश्यकतानुसार उपयोग किया जा सकता है। एक ही डाटाबेस का उपयोग एक से अधिक उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।
डाटा प्रोसेसिंग (Data Processing)
किसी इनपुट को उपयोगी आउटपुट में बदलने के लिए गतिविधियों और प्रक्रियाओं का क्रम प्रोसेसिंग कहलाता है। डाटा प्रोसेसिंग डाटा (इनपुट)को उपयोगी सूचना (आउटपुट)में बदलता है।
Data Base Management System
डाटा बेस मैनेजमेंट सिस्टम एक साफ्टवेयर प्रोग्राम है जो कम्प्यूटर का उपयोग कर डिजीटल डाटा को व्यवस्थित करने (Manipulate), उसमें परिवर्तन करने (Edit) उसे Up-dateकरने , डाटा का साझा उपयोग करने (Share), पुराने डाटा को मिटाने (Delete) तथा नया डाटा स्टोर करने का कार्य करता है। डाटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम कम्प्यूटर का उपयोग कर तथ्यों को एक स्थान पर स्टोर करने तथा अधिकृत उपयोगकर्ताओं (Authorized Users) द्वारा उनका उपयोग करने की व्यवस्था है। डाटा बेस मैनेजमेंट सिस्टम (DBMS) अनेक अधिकृत उपयोगकर्ताओं (Authorized Users) को अलग-अलग उद्देश्य के लिए डाटा व सूचना Share करने की सुविधा उपलब्ध कराता है।
Create a table in MS Access

MS Access मे डाटा को स्टोर करने के लिये टेबिल का निर्माण करना होता है। टेबिल डाटाबेस फाईल के अंदर हेाती है। एक डाटाबेस फाईल के अंदर एक से अधिक टेबिल हो सकती है। टेबिल का निर्माण रो एवं काॅलम से मिलकर हेाता है। फील्ड मे डाटा टाईप को सेट किया जाता है।
First step-
Go to file menu→ new→ click on blank database→ insert file name→ click on create button
Second step-
select table object इसमे तीन प्रकार से टेबिल को बनाया जा सकता है।
1.create a table in design view:-
First step-
Go to file menu→ new→ click on blank database→ insert file name→ click on create button
Second step-
select table object इसमे तीन प्रकार से टेबिल को बनाया जा सकता है।
1.create a table in design view:-
इसमे टेबिल को यूजर के द्वारा डिजाइन किया जाता है। इसमे फील्ड का नाम देते है। और उसके डाटा टाईप को सिलेक्ट करते है और उस फील्ड की प्रॉपर्टी को सेट करते है।
Design view मे चार प्रकार से जा सकते है।
1. डिजाईन व्यू आप्शन पर डबल क्लिक करके Design view मे जा सकते है।
2. सिलेक्ट करके Design Button पर क्लिक करके Design view मे जा सकते है।
3. Right click on design view → design view मे जा सकते है।
4. Open Option पर क्लिक करके Design view मे जा सकते है।
1. डिजाईन व्यू आप्शन पर डबल क्लिक करके Design view मे जा सकते है।
2. सिलेक्ट करके Design Button पर क्लिक करके Design view मे जा सकते है।
3. Right click on design view → design view मे जा सकते है।
4. Open Option पर क्लिक करके Design view मे जा सकते है।

2. create table by using wizard-
इससे टेबिल के structure को आसानी से कम समय मे तैयार किया जा सकता है। इसमे बने बनाये फील्ड हेाते है। जिसको सिलेक्ट करके न्यू टेबल मे transfer करते हैै। उसको रिनेम किया जा सकता है। आवश्यकता के अनुसार फील्ड को transfer करते है। और next button पर क्लिक कर सकते है। दूसरे डायलाॅग बाक्स मे टेबिल का नाम देते है। और primary key केा सेट करना है। या नही इसके बाद next button पर क्लिक करते है। तीसरे डायलाॅग बाक्स मे यह निर्धारित किया जाता है। कि नई टेबल को किस व्यू मे देखना है।

3. Create table by using entering data- इसकी सहायता से सरलता से टेबिल को तैयार किया जाता है। इसमे डाटा सीट के फील्ड पर राईट क्लिक करके रिनेम किया जाता है। इसके बाद टेबिल को सेव किया जाता है।

Data Types of MS Access
डाटा की प्रकृति के आधार पर डाटा कई प्रकार का होता है। एम एस एक्सेस मे डाटा टाईप निम्न प्रकार के होते है।
1. Text – इस प्रकार के डाटा मे (mathematical calculation) गणितीय गणनायें नही की जा सकती है। इसकी रेंज 0 To 255 अक्षर की होती है। अर्थात इस डाटा टाईप के फील्ड मे अधिकतम 255 अक्षर लिखे जा सकते है। उदाहरण- name, city, address etc.
1. Text – इस प्रकार के डाटा मे (mathematical calculation) गणितीय गणनायें नही की जा सकती है। इसकी रेंज 0 To 255 अक्षर की होती है। अर्थात इस डाटा टाईप के फील्ड मे अधिकतम 255 अक्षर लिखे जा सकते है। उदाहरण- name, city, address etc.
2. Number – इस प्रकार के डाटा मे (mathematical calculation) गणितीये गणनायें की जा सकती है। इसके फील्ड मे नंबर को स्टोर किया जाता है। इसको निम्न भागो मे बाॅटा गया है। जैसे Mark, Principle (मूल्य घन), Rate (दर), Time (समय) etc.
Setting
|
Description
|
Decimal precision
|
Storage size
|
Byte
|
Stores numbers from 0 to 255 (no fractions).
|
None
|
1 byte
|
Decimal
|
Stores numbers from –10^38–1 through
10^38–1 (.adp)Stores numbers from –10^28–1 through 10^28–1 (.mdb) |
28
|
12 bytes
|
Integer
|
Stores numbers from –32,768 to 32,767
(no fractions). |
None
|
4 bytes
|
Long Integer
|
(Default) Stores numbers from –2,147,483,648
to 2,147,483,647 (no fractions). |
None
|
4 bytes
|
Single
|
Stores numbers from
|
7
|
4 bytes
|
–3.402823E38 to –1.401298E–45
for negative values and from1.401298E–45 to 3.402823E38 for positive values. |
4 bytes
| ||
Double
|
Stores numbers from
–1.79769313486231E308 to–4.94065645841247E–324 for negative values and from 4.94065645841247E–324 to 1.79769313486231E308 for positive values |
15
|
8 bytes
|
Replication
ID |
Globally unique identifier (GUID)
|
N/A
|
16 bytes
|
3. Date and Time – इसमे डेट एवं समय को स्टोर किया जाता है। इसके निम्न प्रकार के फार्मेट हेाते है।
Date Type
|
Date Format
|
Example
|
General
|
MM/DD/YYYY Time
|
11/4/2011 7:18:11 PM
|
Long Date
|
MM/DD/yyyy, month ,day,
yyyy |
Friday, November 04, 2011
|
Medium
Date |
dd-Month-yy
|
4-Nov-11
|
Short
|
MM/DD/YYYY
|
11/4/2011
|
Time Format
| ||
Long Time
|
HH:MM:SS PM /AM
|
7:19:15 PM
|
Medium
Time |
HH:MM:SS
|
7:19:29
|
Short Time
|
HH:SS
|
7:19
|
4. Currency – इस प्रकार के डाटा मे करंसी ,पैसा केा स्टोर किया जाता है। इसमे गणतीये गणनाये भी कर सकते है। प्रत्येक देश की अपनी करेंसी होती है। एवं उसका एक चिन्ह होता है।
जैसे.4500, 520000 etc.
जैसे.4500, 520000 etc.
5. Memo – यह एक विशेष प्रकार का डाटा टाईप है। इसके टैक्ट को स्टोर करने की कोई सीमा नही होती है। इसका प्रयोग तब किया जाता है। जब किसी के बारे मे ज्यादा जानकारी स्टोर करनी हो।
6. Currency – इस प्रकार के फील्ड मे वेव साईट या मेल आईडी को स्टोर किया जाता है।
7. OLE Object – इसका पूरा नाम Object linking embedding है। इसके किसी भी फाईल को लिंक कराया जा सकता है। जिस पर क्लिक करके खोला जा सकता है।
OLE object मे लिंक करना.
Insert menu→ Object→ Insert object dialog box→ create form file→ select file→ ok
OLE object मे लिंक करना.
Insert menu→ Object→ Insert object dialog box→ create form file→ select file→ ok
8. Logical – इसमे लाॅजिकल डाटा को स्टोर किया जाता है। जिसके केवल दो आॅपशन होते है।
Yes/No
True/false
No/Off
Yes/No
True/false
No/Off
9. Auto number- इस डाटा टाईप से सीरियल नंबर अपने आप आते है। इसका प्रयेाग सीरियल नंबर को स्टोर करने के लिये किया जाता है।
10. lookup wizard:-
डाटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम में प्रयुक्त डाटा मॉडल
(Different Data Model Used for DBMS)
1. रिलेशनल डाटा मॉडल (Relational Data Model)
2. नेटवर्क डाटा मॉडल (Network Data Model)
3 .हाइरॉकिकल डाटा मॉडल (Hierarchical Data Model)
डाटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम में प्रयुक्त डाटा मॉडल
(Different Data Model Used for DBMS)
1. रिलेशनल डाटा मॉडल (Relational Data Model)
इसमें डाटा को Tables के संग्रह के रूप में व्यवस्थित है किया जता है। टेबल्स में Row तथा Columns होते हैं। इन Tables को रिलेशन भी कहते हैं। टेबल या रिलेशन का Row Tupples कहलाता है जबकी Columns को Attributes कहा जाता है। इसमें trued Query Language के सॉफ्टवेयर का प्रयोग किया जाता है।
2. नेटवर्क डाटा मॉडल (Network Data Model)
इस मॉडल में डाटा को Records के ग्रुप के रूप में व्यवस्थित किया जाता है। रिकॉर्ड आपस में Links के द्वारा जुड़े होते हैं।
3 .हाइरॉकिकल डाटा मॉडल (Hierarchical Data Model)
इस मॉडल में भी डाटा को रिकॉर्ड के संग्रह के रूप में व्यवस्थित किया जाता है, परंतु सभी रिकॉर्ड आपस में पदानुक्रम (Tree like structure) से जुडे होते हैं। यह सबसे पुराना तथा लोकप्रिय डाटा मॉडल है।इसमें डाटा Data Manipulation Language सॉफ्टवेयर का प्रयोग किया जाता है।
Create Query in MS Access

Select query

Create Query in MS Access

Select query
कौन सी क्वेरी का प्रयोग करना चाहिए,यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप क्या करना चाहते है ? सेलेक्ट क्वेरी स्वयं टेबल डाटा को नही बदलती,यह केवल subset data को देखना तथा एडिट को allow करती है| यह सबसे ज्यादा common type query है| sql में select query एक select statement के रूप में प्रयोग की जाती है,select query को create करने के निम्न लिखित स्टेप्स होते है –
step 1- Database को open करते है,database window open हो जाती है इसके पश्चात क्वेरी बटन पर क्लिक करते है ,क्वेरी की लिस्ट प्रदर्शित होती है।

step 2-create query in design view option पर क्लिक करते है ।
step 3 –जिससे show table dialog box खुल जाता है । इस डायलॉग बॉक्स में से टेबल सेलेक्ट करते है 

step 4-table को close करने के लिये close button परclick करते है।
step 5- table title bar पर double click करते है तथा सभी fields को select करते है।
step 6- selected field पर click करते है -hold रखकर drag करते है,तो सभी field query grid में पहुच जाते है।
step 7 – Criteria में condition लिखते है और ctrl+s press करके क्वेरी को कोई नाम देकर save करते है ।
step 8 – query को रन करने के लिए क्वेरी के नाम पर double click करते है ।
MS Access मे form का प्रयोग इनपुट के लिए किया जाता है । फॉर्म की सहायता से हम बार -बार एक ही task को पूरा करने के लिए कई ऑब्जेक्ट्स का प्रयोग कर सकते है ।
उदाहरण-:माउस के एक क्लिक से form को filter कर सकते है ,multiple values को देख सकते है करंट रिकॉर्ड को प्रिंट कर सकते है ,तथा एक menu से item select कर सकते है ।
उदाहरण-:माउस के एक क्लिक से form को filter कर सकते है ,multiple values को देख सकते है करंट रिकॉर्ड को प्रिंट कर सकते है ,तथा एक menu से item select कर सकते है ।
Form में अधिक संख्या मे डाटा को स्टोर करके रखा जा सकता है। डाटावेस टेबिल मे डाटा को इनपुट किया जा सकता है। इस कार्य को करने के लिये फार्म मे विभिन्न प्रकार के option होते है। जैसे new record add करना record delete करना, record को edit करना record में formatting करना एवं रिकार्ड को move करना आदि। जिससे आसानी से डाटा को इनपुट किया जा सकता है। इसमे फॉर्म की फार्मेटिंग की जाती है। जिससे फॉर्म सुन्दर दिखने लगता है। टेबिल फील्ड को आवश्यकता के अनुसार फार्म मे सेट किया जा सकता है। फॉर्म डिजाइन के लिये इसमे टूल बॉक्स होता है। जिसमे विभिन्न प्रकार के टूल होते है। जिनको फील्ड के अनुसार फॉर्म मे सेट किया जा सकता है। और डाटाबेस टेबिल से उनको connect कर देते
Types of Form
Ms access मे निम्न प्रकार के फार्म होते है।
1. Columnar Form- इस फार्म को प्रयोग data entry के लिये किया जाता है। इसमे टेबिल के फील्ड को कॉलम फॉर्मेट मे arrange किया जाता है। इसमे एक समय मे एक रिकार्ड दिखाई देता है। विजार्ड से इस अलग-अलग फॉर्मेट मे फॉर्म को आसानी से बना सकते है। Columnar Form में आसानी से रिकार्ड को next, previous, first, last और move किया जा सकता है। एवं नये रिकार्ड को जोडा जा सकता है।
2. Tabular Form- इस फॉर्म मे सभी रिकार्डस एक साथ दिखाई देते है। इसमे टेबिल की सबी फील्डस टेबिल के फॉर्मेट में होती है। इसमे एक रिकार्ड को दूसरे रिकार्ड से लाईन के द्वारा separate किया जाता है।
3. Datasheet- इसमे डाटावेस टेबिल डाटाशीट फॉर्मेट मे देखा जा सकता है। यह एक ऐक्सेल शीट की तरह होता है।
4. Justified-इसमे टेबिल के फील्डस को एक स्टैंडर्ड फार्म मे सेट किया जाता है। जिससे इसमे रिकार्ड को देखना आसान होता है। इसमे एक समय मे एक रिकार्ड दिखाई देता है।
5. Pivot table – Display the data using tabs.
6. Pivot Chart – Pivot Chart विभिन्न प्रकार के चार्ट को support करता है। इसके द्वारा टेबिल डाटा को ग्राफ के रूप मे प्रदर्शित किया जाता है। इसमे यूजर दो कॉलम के डाटा के बीच ग्राफ खीच सकता है।
Section of Form in MS Access

MS Access में फॉर्म को तीन section में बांटा गया है।
1. header2. detail
3. footer
1.Header – Header form के सबसे ऊपर का हिस्सा होता है। इसमे फॉर्म की हेडिंग देते है। जो यह निर्देशित करता है,कि फॉर्म किस कार्य से संबंधित है। कुछ control button का भी प्रयोग इसमे किया जा सकता है।
2.Detail- यह फॉर्म का मेन एरिया होता है। इसमे टेबिल के फील्ड को सेट किया जाता है। इसमे फॉर्म controls मे टेबिल के डाटा को प्रदर्शित किया जाता है। Detail Section से ही टेबिल मे नये रिकार्ड को जोडा जाता है,डिलीट किया जाता है। साथ ही इसमे टेबिल फील्डस को विभिन्न स्टाईल से सेव कर सकते है।
3. Footer- इसमे फॉर्म की उस सूचना को प्रदर्शित किया जाता है। जिसको बदला नही जा सकता है। अर्थात इसमे टेबिल का सार होता है। इसमे कमांड बटन को रख सकते है। जिसकी सहायता से फॉर्म के डाटा को कंट्रोल किया जा सकता है। इसके अलावा इसमे फॉर्म के बारे मे जानकारी को भी सेट करते है।
Tool Box of Form

Tool Box- MS Access में निम्नलिखित tools होते है। जिन tools का प्रयोग करना है,उसको सिलेक्ट करते है। इसके बाद form मे जहाँ पर रखना होता है। वहाँ पर क्लिक करते है। तो वह टूल वहाँ पर सेट हो जाता है। इसके बाद उसकी प्रॉपर्टी को बदलते है। तो उसकी प्रॉपर्टी विंडो को F4 key या view menu से ला सकते है। इसके बाद उसकी प्रॉपर्टी को बदला जा सकता है।

1.Select Object- इस टूल का प्रयोग object को सिलेक्ट करने के लिये किया जाता है। इससे किसी भी object को फॉर्म एवं रिपोर्ट मे एक स्थान से दूसरे स्थान पर move किया जा सकता है। एवं object को सिलेक्ट करके उसकी properties में editing की जाती है।
2.Text box- इस Tool मे text को टाईप किया जा सकता है। अर्थात रन टाईम इसमे text को टाईप किया जा सकता है। इसकी सहायता से टेबिल के फील्ड मे डाटा को जोडा जाता है। जैसे Name, Father name आदि।
3.label- यह टूल दूसरे टूल के लिये label का कार्य करता है। इससे उस फील्ड की पहचान होती है,कि उस टूल का क्या प्रयोग है। इसमे रन टाईम text को टाईप नही किया जा सकता है। डिजाइन टाईम ही इसमे property को सेट किया जाता है।
4.Option Button- इस button को radio button भी कहा जाता है। इसका प्रयोग तब किया जाता है जब दो या दो से अधिक ऑप्शन मे से किसी एक को चुनना होता है। जैसे शादी हुई या नही, कौन से कोर्स मे प्रवेश लिया आदि।
5.Check Box- इसका प्रयोग तब किया जाता है। जब कई option को चुनना होता है। इसका उत्तर हाँ या ना मे होता है।
6.Command Button- इस टूल का प्रयोग form or report मे निर्देश देने के लिए किया जाता है। जैसे Add record, delete record, next record, previous, first and last, ok cancel आदि buttons का निर्माण इसी से होता है।
7.Line- इसकी सहायता से form या रिपोर्ट मे लाईन को खीचा जा सकता है। जिससे फार्म या रिपोर्ट को सुन्दर बनाया जा सकता है। या एक समान फील्ड को Separate किया जा सकता है।
8.Rectangle-इससे form या रिपोर्ट मे Rectangle बनाया जा सकता है। जिससे फॉर्म या रिपोर्ट सुन्दर दिखने लगती है।
9. Option group- इससे कई टूल का group बनाया जा सकता है। जिससे इनको एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से मूव किया जा सकता है। इससे form या report को सुन्दर बनाया जा सकता है। option group से एक समान फील्ड का ग्रुप बनाया जा सकता है। जिससे इसे फीड करने मे समस्या नही होती है। इसमे विजार्ड आता है।
इसके पहले डायलॉग बॉक्स जिसमे ऑप्शन के लेबिल टाईप करते है।
दूसरे डायलॉग बॉक्स मे किस ऑप्शन को डिफाल्ट करना है इसको चुनते है।
तीसरे डायलॉग बॉक्स मे उसकी value सेट करते है।
चौथे डायलॉग बॉक्स मे यह चुनते है। कि उसको टेबिल के किस फील्ड से जोडना है।
पांचवे डायलॉग बॉक्स मे उसकी स्टाईल को चुनते है। और यह भी सिलेक्ट करते है। कि ऑप्शन के तौर पर किसका प्रयोग करना है। option/check/ toggle button
दूसरे डायलॉग बॉक्स मे किस ऑप्शन को डिफाल्ट करना है इसको चुनते है।
तीसरे डायलॉग बॉक्स मे उसकी value सेट करते है।
चौथे डायलॉग बॉक्स मे यह चुनते है। कि उसको टेबिल के किस फील्ड से जोडना है।
पांचवे डायलॉग बॉक्स मे उसकी स्टाईल को चुनते है। और यह भी सिलेक्ट करते है। कि ऑप्शन के तौर पर किसका प्रयोग करना है। option/check/ toggle button
10. Combo Box- इसमे लिस्ट आईटम को जोडा जाता है। यह कम जगह का प्रयोग करता है। इसका प्रयोग तब किया जाता है। जब लिस्ट में से किसी एक आईटम को चुनना है। जब इस टूल को फार्म या रिर्पोट पर प्रयोग करते है। तो विजार्ड स्टार्ट हो जाता है।
इसके पहले डायॅलाग बाक्स मे यह चुनते है। कि इसमे आईटम को कंहाँ से लाना है। इसमे second option को चुनते है। जिसमे स्वयं यूजर आईटम को टाईप कर सकता है। और next button पर क्लिक करते है।
इसके पहले डायॅलाग बाक्स मे यह चुनते है। कि इसमे आईटम को कंहाँ से लाना है। इसमे second option को चुनते है। जिसमे स्वयं यूजर आईटम को टाईप कर सकता है। और next button पर क्लिक करते है।

दूसरे डायलॉग बॉक्स मे आईटम को टाईप करते है।

तीसरे डायलॉग बॉक्स मे यह सिलेक्ट करते है। कि उसको टेबिल के किस फील्ड से जोडना है। या नही जोडना है। यदि जोडना होता है तो दूसरे ऑप्शन को चुनते है। और यदि बाद मे जोडना है। तो पहले ऑप्शन को चुनते है। इसके बाद next button पर क्लिक करते है।
चौथे डायलॉग बॉक्स में combo box का लेबिल देते है। और finish button पर क्लिक करते है। जिससेcombo box का निमार्ण हो जाता है।

11. list Box- लिस्ट बाक्स मे आईटम लिस्ट रूप मे प्रदर्शित होते है। इसको भी combo box की तरह सेट किया जाता है।
12. Bound Object Frame- इसमे उस फील्ड को जोडते है। जिसमे object को जोडा जाता है। जैसे photo आदि। इसमे object को insert किया जाता है।
Create form by using wizard

Wizard की सहायता से form को बनाना- टेबिल तैयार करने के बाद उसमे रिकार्डस को इनपुट करने के लिये फॉर्म को डिजाइन किया जाता है। विजार्ड की सहायता से फॉर्म आसानी से एवं कम समय मे तैयार किया जा सकता है। इसके बाद इसमे modification भी किये जा सकते है।
फॉर्म बनाने के steps निम्न है –

Step 1:-सर्व प्रथम फार्म object चुनते है। इसके दांये तरफ दो ऑप्शन होते है। जिसमे से दूसरे ऑप्शन create form by using wizard को चुनते है। और उस पर डबल क्लिक करने पर निम्न डायलॉग बाक्स आता है।

Step 2:-इस डायलॉग बॉक्स में उस टेबिल को चुनते है जिससे फॉर्म create करना है। इसके बाद Available fields से आवश्यक फील्ड को सिलेक्ट करते है। और next button पर click करते है।

Step 3 :-इसमे फार्म का layout चुनते है,कि किस प्रकार का फार्म बनाना है। इसमे छः option होते है। जिसमे से किसी एक को चुनते है। और इसके बाद next button पर click करते है।

Step 4 :-इस स्टेप मे फॉर्म की style को चुनते है। और next button पर click पर क्लिक करते है।

Step 5:-इस स्टेप मे फॉर्म का नाम देते है। और इसमे यह select करते है। कि उसको open करना है। या modify करना है। किसी एक को चुनकर finish button पर click कर देते है। जिससे फॉर्म डिजाइन हो जाता है।
इसके बाद इस फॉर्म का प्रयोग करके रिकार्डस को इनपुट किया जा सकता है।
इसके बाद इस फॉर्म का प्रयोग करके रिकार्डस को इनपुट किया जा सकता है।
Form Run करना या open करना
F5 key को दबाकर फार्म को open कर सकते है।
राईट क्लिक करके भी उसको रन किया जा सकता है।
standard bar के open बटन पर क्लिक करके भी इसको open किया जा सकता है।
F5 key को दबाकर फार्म को open कर सकते है।
राईट क्लिक करके भी उसको रन किया जा सकता है।
standard bar के open बटन पर क्लिक करके भी इसको open किया जा सकता है।
Introduction of Report
MS Access में report एक ऑब्जेक्ट है जिसे डेटा को संगठित तरीके से display और print करने के लिए उपयोग किया जाता है। डेटाबेस विंडो में आप सेव किये पूरे डेटाबेस की रिपोर्ट पा सकते हैं।
Report का प्रयोग आउटपुट के लिए किया जाता है रिपोर्ट काफी flexible होती है, इसमें same data को several types की रिपोर्ट के रूप में देख सकते है। हम same report को various Data sources के लिए प्रयोग कर सकते है जैसे same structure के साथ different tables या dynamic sources .
MS Access में डाटाबेस टेबिल की, रिपोर्ट बनाने की सुविधा है। रिपोर्ट में डाटाबेस का सारांश होता है। Report को तीन Section में बांटा जा सकता है। इसमे प्रत्येक Section का अपना कार्य और व्यहार होता है। ये तीन Section निम्न है।
1. Header
2. Detail
3. Footer
1. Header
2. Detail
3. Footer
1.Header- Header रिपोर्ट के सबसे ऊपर का हिस्सा होता है। इसमें रिपोर्ट की हेडिंग देते है। जो यह निर्देशित करता है। कि रिपोर्ट किस चीज़ से संबंधित है। इसमें टेबिल के फ़ील्ड्स के लेबिल भी दे सकते है।
2. Detail- यह रिपोर्ट का मेन ऐरिया होता है इसमे टेबिल के फील्ड को सेट किया जाता है। इसमे रिपोर्ट टेबिल के फ़ील्ड्स को जोडा जाता है।
3.Footer- यह रिपोर्ट का सबसे निचला हिस्सा होता है। इसमें रिपोर्ट का सारांश होता है |
Types of Report
MS Access में निम्न प्रकार की रिपोर्ट होती है।
Columnar Report- columnar report सभी प्रकार के fill in the blank style forms जैसे application और invoices के लिये प्रयोग की जाती है। यह blanks को fill करने के पश्चात् result को प्रदर्शित करती है।
Columnar Report- columnar report सभी प्रकार के fill in the blank style forms जैसे application और invoices के लिये प्रयोग की जाती है। यह blanks को fill करने के पश्चात् result को प्रदर्शित करती है।
Tabular Report –इस रिपोर्ट में सभी रिकार्डस एक साथ दिखाई देते है। इसमें फ़ील्ड्स टेबिल फॉरमेट में होते है। इसमें एक रिकार्ड को दूसरे रिकार्ड से separate करने के लिए लाईन का प्रयोग किया जाता है।
Justified- इसमें टेबिल के फ़ील्ड्स को एक स्टैंडर्ड रिपोर्ट में सेट किया जाता है। जिससे इसमें रिकार्ड को देखना आसान होता है। इसमें एक समय में एक रिकार्ड दिखाई देता है।
Create Report by using wizard
Wizard की सहायता से Report बनाना
टेबिल तैयार करने के बाद रिकार्डस को आउटपुट के रूप में show करने के लिये रिपोर्ट को डिजाइन किया जाता है। रिपोर्ट को विजार्ड की सहायता से आसानी से एवं कम समय में तैयार किया जा सकता है । इसके बाद इसमें modification भी किये जा सकते है। इसके निम्न steps होते है।

Step 1:-सर्व प्रथम रिपोर्ट object को चुनते है। इसके दायें तरफ दो ऑप्शन होते है। जिसमें से दूसरे ऑप्शन Create Report by using Wizard को चुनते है। और उस पर डबल क्लिक करने पर निम्न डायलॉग बॉक्स आता है।

Step 2:-इस स्टेप में टेबिल को चुनते है, और Available Fields से आवश्यक फील्ड को सिलेक्ट करते है। इसके बाद Next button पर क्लिक करते है।
Step 3:-Next button पर click करने के बाद message box प्रदर्शित होता है “do you want add any grouping levels ” इसमें grouping को select करते है तथा next button पर click करते है।

Step 4:-sorting order को fields के according select करते है।

Step 5:-इस step मे report का layout select करते है, तथा orientation को चुनते है। इसके बाद next button पर क्लिक करते है।

Step 6:इस step मे report की style select करते है।

Step 7:-.इस स्टेप मे रिपोर्ट का Title लिखते इसके बाद रिपोर्ट open करना है या Modify करना है। किसी एक ऑप्शन को चुन कर finish button पर क्लिक कर देते है। जिससे रिपोर्ट create हो जाती है।

Great job sir
ReplyDeletevery nice sir
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